“अरे मोतिया उठ जाई, ई बीचे दियारवा पे हिम्मत न तोड़ी, ऊ पहाड़ी वाले भोले बाबा की कसम, अब आगे से तू दुवारिये पे रहिये, तोहके नइखे जोतब अब हम टप्परगाड़ी में। हमरे मत्था पाप न ढारि, ऐ मोतिया बस अंतेमे बार उठ जाई” (A)
बेइंतहा गर्मी थी, रामदीन के दो बूढ़े बैलों में से, मोती गश खाकर गिर पड़ा, हीरा भी फ़क़त हाँफ रहा था। बचने की उम्मीद न के बराबर थी। भतीजी की शादी के विदागी के सामानों से बैलगाड़ी पूरी तरह लदा हुआ था, और आज रात का ही लग्न था। दियारा के वीराने में फंस और सांझ उतरता देख रामदीन की धड़कनें और तेज हो गयीं, मोती को हिचकियाँ आने लगी वो उसकी गर्दन पकड़ रोने लगा।
“मोतिया तोहरे बहिनिया के बिहा बा हो, जे ई सामान के साथ न पहुंचब सही घड़िया पे, ते बहुते ऊँच नीच हो जाई, उठ जाई आखिरी बेरिया हमनी के इज्जत रख ली। तू बस भार थम लेहि, धक्का हम लगा देब, मोतिया उठ जाईईईई…!” (B)
तभी कुछ अप्रत्याशित सा घटित हुआ, मोती के शरीर में हलचल हुयी, और वह उठ खड़ा हुआ। दोंनो बैलों के बीच खुद रामदीन गाड़ी को खींचता रहा, देर रात गाड़ी दरवाजे पे आकर खड़ी हो गयी। बारात दरवाजे लग चुकी थी, और कानाफूसीयों से माहौल गर्म था। बैलगाड़ी पे नज़र पड़ते ही ज्वार ठंडा पड़ गया। सिंदूरदान हुआ और शादी समपन्न हुयी।
सुबह सुबह विदागी के मर्मस्पर्शी माहौल में, दरवाजे पे दम तोड़ चुके मोती के पास विलाप करती हुयी दुल्हन को जिसने भी देखा उनके हृदय खंड खंड हो गिर पड़े।
मौलिक एवं अप्रकाशित
©गौरव आनंद
इंदौर, मध्यप्रदेश
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(आंचलिक वाक्यों का हिंदी में अनुवाद)
A – “ओ मोतिया उठ जा, इस बीच दियारे पे हिम्मत न तोड़ो, पहाड़ वाले शंकर भगवान की कसम, अब आगे से तुम केवल दरवाजे पे ही रहना, बैलगाड़ी में नहीं जोतेंगे तुम्हें। मेरे माथे पे यह पाप मत ढोल, ओ मोतीया बस आखिरी बार के लिए उठ जा”
B – “मोतिया तुम्हारे बहन की ही शादी है, सामान अगर सही समय पर नहीं पहुंचा, तो बहुत ऊँच नीच हो जाएगी। उठ जा आखिरी बार हमारी इज्जत रख ले। तुम सिर्फ भार थाम लेना, धक्का हम लगा देंगे, मोतिया उठ जा”
बहुत ही मर्मस्पर्शी कहानी। छोटी मगर गहरी। 💝
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धन्यवाद प्रतिभा जी 😊😊💐
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आभार। ☺️
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अतिसुंदर अभिव्यक्ति साथ ही अंकित वो प्यारी सी बोल
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बहुत बहुत आभार आपका 😊😊💐
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हृदय को झकझोर देंनेवाली कहानी।साथ ही बहुत ही खूबसूरत शब्दों का मिश्रण।👌👌
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धन्यवाद मधुसूदन जी 3😊💐
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बहुत ही उम्दा ओर मर्मस्पर्शी कहानी !!! बहुत सुन्दर 👌
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Thank you so much aditi 😊😊💐
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A meaningful and intense story.
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Thank you so much Moushmi 😊😊💐
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Thank you so much Moushmi 😊😊💐
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बहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना 👌👏
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धन्यवाद शाम्भवी😊😊
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भावनाओं को काबू करना मुश्किल हो रहा है।
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बहुत बहुत आभार आपका रविन्द्र जी।
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Bahut hi dil chhulenewali abhivyakti
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शुक्रिया आपका तहे दिल से 😊😊💐
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Kitna ajeeb hota hai na? kab humare liye life mein kaun kitna important ho jaata hai, humein pata bhi nahi chalta. Aur unki importance tab pata chalti hai jab woh ya toh jaane wale hote hain, ya phir jaa chuke hote hainhumein chhod kar.
Beautifully explained in this story! 🙂
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बहुत ही सही महसूस किया है रश्मि आपने। अक्सर ऐसा ही होता जो पास होते उनकी कद्र नहीं होती और जाने पे अफसोस जरूर होता 😢
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Wow
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Thank you so much 😊😊💐
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बहुत बहुत आभार आपका रविन्द्र जी😊💐
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